विनियर एक सब्सट्रेट मतलब प्लाईवुड या म.दी.ऍफ़ (MDF) पर ५ आसान स्टेप्स में लगाया जा सकते है।

i. एक बार विनियर ले लिया, कारपेंटर्स उससे और सब्सट्रेट (प्लाईवुड या म.दी.ऍफ़ ) को उचित साइज में कटा जाता है।
ii. कटाई के बाद विनियर शीट्स और सब्सट्रेट दोनों पर ग्लू लगाया जाता है। चिपकाने के लिए सही ग्लू का इस्तेमाल करना आव्यशक है।पेपर बैकेद वेनीर्स के लिए कांटेक्ट सीमेंट ग्लू सबसे बेहतर है। स्टैण्डर्ड कोल्ड प्रेस या बेटर बांड विनियर ग्लू विनियर चिपकने के लिए एकदम सही है कारन वे तेजी से सूख जाता है और एक मजबूत बांड बनता है।
iii. इस्तेमाल किया गए ग्लू को आधा सिखने देते है। फिर विनियर शीट, सब्सट्रेट पर ध्यान से रखा जाता है।
iv. एक बार विनियर को सब्सट्रेट पर रखे जानेके बाद,मजबूत बॉन्डिंग के लिए विनियर को ज्यादा से ज्यादा प्रेशर के साथ निचे की ओर दबाया जाता है। इससे उपयुक्त उपकरण के साथ किया जा सकता है जैसे स्मूदनिंग ब्लेड। बड़े प्लाईवुड शीट्स के लिए (विशेष रूप से औद्योगिक स्तर पर) निर्वात (vaccum) प्रेस उपकरण (tool) का प्रयोग होता है , विनियर को सब्सट्रेट पर दबाने के लिए। यह उपकरण सतह(surface) को समान रूप दबाता है जो सबसे महत्वपूर्ण है। छोटे टुकड़ों के लिए, अकड़न (clamp) और वजन का उपयोग कर सकते हैं अच्छा फिनिश विनियर पैनल पाने के लिए। अगर दबाव समान रूप से लागू हुआ तो बुलबुले फार्म का हो सकते है जो पैनल को बर्बाद कर देगा।
v. अब इस टुकड़े को उल्टा करदे और अतिरिक्त विनियर (अगर कोई है) को एक तेज ब्लेड के साथ काट लें।यह सब्सट्रेट के साथ भी किया जा सकता है अगर जरूरत पड़े।

Pressing down the glued Veneer to substarte with smoothening blade

Pressing down the glued Veneer to substarte with smoothening blade

कई कारपेंटर्स नेलिंग (nailing) तकनीक का उपयोग करते है। यहाँ कारपेंटर्स खिल (nail) को सीधा विनियर को सब्सट्रेट के साथ ठोकते है बजाय गलुइन्ग प्रक्रिया के माध्यम से जोड़ना। लेकिन मैं आपको बता दूँ कि यह एक सही तकनीक नहीं है। इससे विनियर को नुकसान होता है। कारपेंटर्स शॉर्ट-कट विधि के रूप में अक्सर नेलिंग तकनीक का प्रयोग करते है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह 30%-40 % से श्रम बढ़ जाता है जो नुकसान वह करता है उसकी तुलना में फिर भी ठीक है। नैल्ड विनियर फर्नीचर, हमेशा अव्यस्थित , अधूरे किनारों और दरारें दिख सकते है नेलिंग की वजह से। यह जानने के बावजूद कारपेंटर्स नेलिंग तकनीक को अपनाते है।

पहचान और अच्छा कारपेंटर्स को अगर हो तो घर के मालिक को इस बात की चितन नहीं करनी चाहिए कारन वे हमेशा गलुइन्ग प्रक्रिया का प्रयोग करेंगे चाहे विनियर हो या लेमिनेट्स सब्सट्रेट पर चिपकाने के लिए। वीणीर्ड ग्लूएड फर्नीचर अच्छे से तैयार किये गए दीखते है जो साफ दिखाई देता है की वह कला का एक टुकड़ा है। तो वह जरूर ध्यान दे की आपका कारपेंटर कौनसी तकनीक का प्रयोग कर रहा है – नेलिंग तकनीक या गलुइन्ग तकनीक।

पॉलिशिंग – विनियर शीट्स या फर्नीचर

एक बार प्लाईवुड पर विनियर चढ़ाया जाता है, उससे पॉलिशिंग के लिए भेज जाता है। बाजार में उनपोलिसहेड़ विनियर शीट्स भी उपलब्ध जिससे कारपेंटर्स फुरन्तरे बनने के बाड पोलिश करते है। पॉलिशिंग करवाना एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जरूरियात प्रक्रिया है विनियर लगाने के बाद। अलग-अलग प्रभाव को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के पॉलिश का इस्तेमाल किया जाता है।

मेलामाइन पॉलिश – एक बुनियादी और बहुत की पसंदिता पॉलिश है जो विनियर पर लगाया जाता है। यह पोलिश मैट फिनिश देता है मतलब वह ग्लॉसी सतह की तरह चमकता नहीं। आमतौर पर ग्लॉसी पोलिश घर मालिकों द्वारा पसंद नहीं कारन वह लकड़े के प्राकृतिक और आकर्षित रूप छीन लेता है। मेलामाइन पोलिश करीब रु.100-रु.150 प्रति लीटर है।

विनियर पॉलिशिंग का आसान तरीका

i. विनियर लगाया हुआ प्लाईवुड या फर्नीचर को पहले सैंड पेपर से घिसा जाता है जो ऊपरी गंदगी को दूर कर देता है। सैंड पेपर को ग्रेन्स की दिशा में ही घिसा जाता है।
ii. कई कारपेंटर्स विनियर लगे लकड़े पर लकड़े का कंडीशनर का इस्तेमाल करते है जो विनियर के दाग को समान रूप से अवशोषित कर लेता है। यह लकड़ी का टुकड़ा थोड़ी देर के लिए सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है।
iii. बाद में लकड़ी का स्टैन वैक्स लगाया जाता है जो दाग को और भी अवशोषित कर लेता है और एक प्राकृतिक लकड़ी का रूप देखने मिलता है। अगर विनियर को लंबे समय के लिए ऐसा ही छोड़ दिया तो उसका रंग/पोलिश गहरा हो सकता है, और इसीलिए विनियर को एक कपडे या मोप से साफ़ किया जाता जिससे अतिरिक्त दाग और सलूशन निकल आता है।
iv. अंत में औद्योगिक स्तर पर पोलिश सलूशन को स्प्रे मशीन के साथ विनियर पर स्प्रे किया जाता है।
v. इच्छित शेड और प्रभाव प्राप्त करने के लिए पोलिश प्रक्रिया को कई बार दोहराया जाता है।

इस प्रक्रिया को घर के स्तर पर दोहराया जा सकता है, उसके लिए एक ब्रश और छोटे कपड़े का उपयोग करे। जितनी बारी पॉलिशिंग की प्रक्रिया दोहराया जाता है, विनियर उतना ही गहरे रंग का और चमकदार होता है। आजकल लाइनटेड विनियर भी उपलब्ध है जो बाहर महँगे है और उससे तैयार होने में भी समय लग जाता है। लैमिनेटेड गिलास विनियर ऐसा गिख्ता है जैसे कांच रख दिया हो विनियर के ऊपर। आवश्यकता के अनुसार विनियर के ऊपर कई बार पॉलिशिंग की प्रक्रिया को दोहराया जाता है लैमिनेट करने के लिए। सबसे सुन्दर विनियर लकड़ा प्राप्त करने के लिए विनियर पर लेमिनेट्स के ६-७ परत ( layers) लगाई जाती है। लेकिन जबभी केमिकल छिड़क जाता है, उससे हर बार एक कपडे के पोछा जाता है , अतिरिक्त दाग और धूल साफ करने के लिए। मेलामाइन पोलिश के लिए , केवल एक ही बार सप्रयिंग और स्क्रेपिंग किया जाता है और इसीकारण से वह सस्ता पड़ता है।

Glossy Polished Smoked-veneer

Glossy Polished Smoked-veneer

एक और पोलिश जिसके बारे मैन ज़्यादा बात नहीं की जाती वह है ” पि.यू” पोलिश अर्थात polyurethane पोलिश। पि.यू पोलिश की गुणवत्ता पर वह मेलामियाने पोलिश और रूबी पोलिश के बीच का दर्जा दिया है।मेलामाइन के विपरीत, पि.यू पोलिश का मुख्य अंतर यह है की विनियर लकड़े को बफ्फिंग नहीं की जाती। विनियर को चमकाने के लिए पि.यू पोलिश को सीधे से विनियर पर स्प्रे या लगाया जाता है। आमतौर पर पि.यू पोलिश ग्लॉसी फिनिश में ही उपलब्ध है कारन मैट प्रभाव , मेलामाइन मैट से भ्रमित होता है।

जैसे मैंने पहले कहै, मेलामाइन किफायती दाम के उपलब्ध है , जहा की पि.यू पोलिश अपनी केमिकल गन के कारन मेहेंगा है और इसी कारन से विनियर लकड़ा भी मेहेंगा पड़ता है। इसलिए, घर मालिक दूसरे पॉलिशस और उनकी विशेषताएँ न जाने बिगर सस्ता पोलिश किया हुआ विनियर खरीदते है।

Wलेमिनेट्स खरीदते समय आप “माइक्रोनस” (microns) शब्द सुनेगे। माइक्रोनस मतलब लेमिनेट्स और विनियर की ताकत। आमतौर पर लेमिनेट्स के माइक्रोनस 2,000-3,000 की रेंज में होते है और जहा तक मेलामाइन की बात है मेलामाइन के माइक्रोनस 600-1,000 की रेंज में है। लेटेस्ट मोनो-कोट वेनिएर्स 10 माइक्रोनस में उपलब्ध है।


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